Ein Sachverhalt, wie er in der Praxis der Unterhaltsvollstreckung immer wieder vorkommt: Der Gläubiger betreibt wegen Unterhaltsforderungen die Zwangsvollstreckung gegen den Schuldner, der mit seiner Ehefrau zusammenlebt und die ihrerseits über ein eigenes Einkommen von 2.000,00 € verfügt. Das eigene Arbeitseinkommen des Schuldners bleibt hinter diesem Betrag zurück. In derartigen Fällen stellt sich für den Gläubiger die Frage, ob das Ehegatteneinkommen dazu führt, dass dem Schuldner kein oder nur ein geringerer pfandfreier Betrag für seinen eigenen notwendigen Unterhalt zur Verfügung steht.
NACH DIESEM BLOCK GEHT ES WEITER
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##### #####
##### ##### ##### ##### ##### ##…